शिव नाम की महिमा शिव महापुराण से ( SHIV NAAM KI MAHIMA)

शिव नाम की महिमा शिव महापुराण से ( SHIV NAAM KI MAHIMA)

शिव नाम की महिमा शिव महापुराण से ( SHIV NAAM KI MAHIMA)

दोस्तों आज हम भगवान शिव की नाम महिमा के बारे में जानेंगे | जिसका वर्णन शिव महापुराण में दिया गया है |

  • जो लोग भगवान्‌ शिवकी उपासना करते हैं, वे धन्य हैं, कृतार्थ हैं; उनका देहधारण सफल है तथा उनके समस्त कुल का उद्धार हो गया।
  • जिनके मुखमें भगवान्‌ शिवका नाम है, जो अपने मुखसे सदाशिव और शिव इत्यादि नामोंका उच्चारण करते रहते हैं, पाप उनका उसी तरह स्पर्श नहीं करते |
  • शिव नाम-माहात्म्य समस्त पापोको हर लेनेवाला सर्वोत्तम साधन है।
  • ‘शिव’ इस नामरूपी दावानलसे महान्‌ पातकरूपी पर्वत अनायास ही भस्म हो जाता है–यह सत्य है, सत्य है। इसमें संशय नहीं है।
  • पापमूलक जो नाना प्रकारके दुःख हैं, वे एकमात्र शिवनाम ( भगवन्नाम )-से ही नष्ट होनेवाले हैं। दूसरे साधनोंसे सम्पूर्ण यत्न करनेपर भी पूर्णतया नष्ट नहीं होते हैं।
  • जो मनुष्य इस भूतलपर सदा भगवान् शिवके नामोंके जपमें ही लगा हुआ है, वह वेदो का ज्ञाता है, वह पुण्यात्मा है, वह धन्यवादका पात्र है तथा वह विद्वान्‌ माना गया है।
  • जिनका शिवनाम-जपमें विश्वास है, उनके द्वारा आचरित नाना प्रकारके धर्म तत्काल फल देनेके लिये उत्सुक हो जाते हैं।
  • भगवान शिवके नामसे जितने पाप नष्ट होते हैं, उतने पाप मनुष्य इस भूतलपर कर नहीं सकते।
  • जो शिवनामरूपी नौकापर आरूढ़ हो संसार- रूपी समुद्रको पार करते हैं, उनके जन्म- मरणरूप संसारके मूलभूत वे सारे पाप निश्चय ही नष्ट हो जाते हैं। संसारके मूलभूत पातकरूपी पादपोंका शिवनामरूपी कुठारसे निश्चय ही नाश हो जाता है।
  • जो पापरूपी दावानलसे पीड़ित हैं, उन्हें शिवनामरूपी अमृतका पान करना चाहिये। पापोंके दावानलसे दग्ध होने वाले लोगो को उस शिव नाम अमृत के बिना शांति नहीं मिल सकती |
  • जो शिवत्रामरूपी सुधाकी वृष्टिजनित धारामें गोते लगा रहे हैं, वे संसाररूपी दावानलके बीचमें खड़े होनेपर भी कदापि शोकके भागी नहीं होते।
  • ब्रह्महत्या जैसे पापो की समस्त अपरिमित राशियाँ शिवनाम लेने से शीघ्र ही नष्ट हो जाती है |
  • जिन महात्माओंके मनमें शिवनामके प्रति बड़ी भारी भक्ति है, ऐसे लोगोंकी सहसा और सर्वथा मुक्ति होती है।
  • जिसने अनेक जन्मोंतक तपस्या की है, उसीकी शिवनामके प्रति भक्ति होती है, जो समस्त पापोंका नाश करनेवाली है।
  • जिसके मनमें भगवान शिवके नाम के प्रति कभी खण्डित न होनेवाली असाधारण भक्ति प्रकट हुई है, उसीके लिये मोक्ष सुलभ है |
  • जो अनेक पाप करके भी भगवान्‌ शिवके नाम-जपमें आदरपूर्वक लग गया है, वह समस्त पापोंसे मुक्त हो ही जाता है–इसमें संशय नहीं है।
  • जैसे वन में दावानलसे दग्ध हुए वृक्ष भस्म हो जाते हैं, उसी प्रकार शिवनामरूपी दावानलसे दग्ध होकर उस समय तक के सारे पाप भस्म हो जाते हैं।
  • सम्पूर्ण वेदोंका अवलोकन करके पूर्ववर्ती महर्षियोंने यही निश्चित किया है कि भगवान शिव के नामका जप संसार- सागरको पार करनेके लिये सर्वोत्तम उपाय है।
  • जिसके अंग नित्य भस्म लगाने से पवित्र हो गए है , तथा जो शिवनाम जप का आदर करने लगा है , वह घोर संसार सागर को भी पार कर ही लेता है |
  • भगवान्‌ शंकरके एक नाम में भी पापहरण की जितनी शक्ति है, उतना पातक मनुष्य कभी कर ही नहीं सकता।

    दोस्तों इस प्रकार मैंने आपसे भगवन्नामके उत्तम माहात्म्यका वर्णन किया है। उम्मीद करता हूँ आपको जानकर अच्छा लगा होगा |

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