राजा दशरथ के समय अयोध्या के लोग कैसे थे ? वाल्मीकि रामायण के अनुसार

राजा दशरथ के समय अयोध्या के लोग कैसे थे ? वाल्मीकि रामायण के अनुसार

आज हम राजा दशरथ के समय अयोध्या के लोग कैसे थे ? इसके बारे में जानेंगे |

अयोध्या के लोग कैसे थे इसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में मिलता है |

वाल्मीकि रामायण में बताया है कि – अयोध्या नगर में निवास करने वाले सभी मनुष्य प्रसन्‍न, धर्मात्मा, निर्लोभ, सत्यवादी तथा अपने-अपने धनसे संतुष्ट रहनेवाले थे |
अयोध्या पुरीमें कोई भी ऐसा कुटुम्बी नहीं था, जिसके पास उत्कृष्ट वस्तुओंका संग्रह अधिक मात्रामें न हो, जिसके धर्म, अर्थ और काममय पुरुषार्थ सिद्ध न हो गये हों तथा जिसके पास गाय-बैल, घोड़े, धन- धान्य आदिका अभाव हो |
अयोध्या में कहीं भी कोई कामी, कृपण, क्रूर, मूर्ख और नास्तिक मनुष्य देखनेको भी नहीं मिलता था |
वहाँके सभी स्त्री-पुरुष धर्मशील, संयमी, सदा प्रसन्‍न रहनेवाले तथा शील और सदाचारकी दृष्टिसे महर्षियोंकी भाँति निर्मल थे |
अयोध्या में कोई भी कुण्डल, मुकुट और पुष्पहार से शून्य नहीं था। किसीके पास भोग-सामग्री की कमी नहीं थी। कोई भी ऐसा नहीं था, जो साफ सुथरा न हो, जिसके अंगोंमें चन्दनका लेप न हुआ हो तथा जो सुगन्धसे वज्चित हो |
अपवित्र अन्न भोजन करनेवाला, दान न देनेवाला तथा मनको काबूमें न रखनेवाला मनुष्य तो वहाँ कोई दिखायी ही नहीं देता था। कोई भी ऐसा पुरुष देखनेमें नहीं आता था, जो बाजूबन्द, स्वर्णपदक या ‘मोहर तथा हाथका आभूषण (कड़ा आदि) धारण न
किये हो |
अयोध्या में कोई भी ऐसा नहीं था, जो अग्निहोत्र और यज्ञ न करता हो; जो क्षुद्र, चोर, सदाचारशून्य अथवा वर्णसंकर हो |
वहाँ निवास करनेवाले ब्राह्मण सदा अपने कर्मो में लगे रहते, इन्द्रियॉं को वशमें रखते, दान और स्वाध्याय करते थे |
अयोध्या में कहीं एक भी ऐसा द्विज नहीं था, जो नास्तिक, असत्यवादी, अनेक शास्त्रोंके ज्ञानसे रहित, दूसरोंके दोष ढूँढ़नेवाला, साधनमें असमर्थ और विद्याहीन हो |
अयोध्या में कोई भी स्त्री या पुरुष ऐसा नहीं देखा जा सकता था, जो श्रीहीन, रूपरहित तथा राजभक्ति से शून्य हो |
अयोध्या नगरमें निवास करनेवाले सब मनुष्य दीर्घायु तथा धर्म और सत्यका आश्रय लेनेवाले थे। वे सदा स्त्री-पुत्र और पौत्र आदि परिवारके साथ सुखसे रहते थे |
इक्ष्वाकुकुलके स्वामी राजा दशरथ अयोध्या पुरी की रक्षा उसी प्रकार करते थे, जैसे बुद्धिमान्‌ महाराज मनुने पूर्वकालमें उसकी रक्षा की थी |
ऐसे हमने जाना अयोध्या के लोग कैसे थे राजा दशरथ के समय जिसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में दिया है |

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top